औषधीय एवं सगंध पौधों का बाह्य-स्थलीय संरक्षण
औषधीय रोपणी एवं जींन बैंक
उद्देश्य:-
1. औषधीय प्रजातियों का संरक्षण एवं जींन बैंक सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार।
2. जींन बैंक एवं औषधीय पौध रोपणी/उत्पादन क्षेत्र का प्रबंधन एवं विकास।
3. औषधीय पौध मांग अनुसार उत्पादन एवं विक्रय।
4. आर. ई. टी. (R.E.T.) प्रजातियों का संरक्षण एवं विस्तार।
राज्य वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर द्वारा औषधीय पौधों पर विगत कई वर्षेंा से अनुसंधान कार्य किया जा रहा है। इस दौरान औषधीय पौधों के सर्वे का कार्य किया गया। वर्ष 1975-95 के दौरान मध्य प्रदेश के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में क्षेत्रीय वन रोपणियों की स्थापना कर औषधिय पौधों पर अध्यापन एवं अनुसंधान कार्य किया गया है। राज्य वन अनुसंधान संस्थान, 20 जून 1963 में स्थापित किया गया। इसकी स्थापना से ही यह संस्थान व्यवहारिक वन अनुसंधान कार्यो को संपन्न कर रहा है। इस संस्थान के परिसर में औषधीय पौधों के जींन बैंक की स्थापना वर्ष 1996 में की गई, जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण औषधीय, सगंध, रंग उत्पादक तथा खाद्य के रूप में उपयोग में लाये जाने वाले वन प्रजातियों का संरक्षण करना रहा है। इसमें मध्यप्रदेश के विभिन्न भागों से पौधों के रूप में इस जर्मप्लाज्म का संग्रह भविष्य में आवश्यक अध्ययन कार्य हेतु भी किया गया है।
राज्य वन अनुसंधान संस्थान परिसर में इस औषधीय एवं सगंध पौधों के जीन बैंक की स्थापना का उद्देश्य हमारी वन औषधीय सम्पदा का बाह्य स्थलीय संरक्षण कर जन साधारण को इसके महत्व से परिचित करवाना है।
इस जीन बैंक में सर्पगंधा, बच, श्यामाहल्दी आदि संकटग्रस्त प्रजातियों का समावेश किया गया है, वही इसमें भुई आंवला, अपामार्ग, पुनर्नवा जैसे सामान्य रूप में पाई जाने वाली किन्तु महत्वपूर्ण औषधीय प्रजातियों को भी संग्रहित किया गया है। लगभग 427 औषधीय प्रजातियों का संरक्षण जींन बैंक में किया गया है तथा अनेकों प्रजातियों का संग्रहण एवं संरक्षण किया जाना है। संस्थान द्वारा 30 विभिन्न व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रजातियों की कृषि तकनीक का विकास किया गया है तथा अन्य प्रजातियों में कार्य किया जा रहा है।
इस जीन बैंक का उपयोग विद्यार्थी, अध्यापक, कृषक, वैज्ञानिक तथा आम जनता द्वारा किया जाता रहा है। औषधीय पौधों के जींन बैंक एवं रोपणी क्षेत्र के विकास एवं सदृढ़ीकरण कार्य पूर्व से किया जा रहा है। इसी तारतम्य में जींन बैंक, औषधीय पौधों का बहुगुणन क्षेत्र, कृषि तकनीक विकास क्षेत्र, रोपण तकनीक विकास क्षेत्र का वर्तमान मांग को ध्याान में रखते हुये वर्तमान में लगभग 10 हेक्टेयर क्षेत्र में औषधीय पौध विकास कार्य किया जा रहा है।
इस जीन बैंक के अंतर्गत नक्षत्र वाटिका, नवग्रह वाटिका, औषधीय पौधों का बेला क्षेत्र, कंद प्रजातियों का संरक्षण क्षेत्र, औषधीय पौधों के मातृक्षेत्र तथा निर्वतन हेतु पौध तैयारी क्षेत्र का निर्माण किया गया है।
Ex situ conservation of medicinal and aromatic plants.
Medicinal plant nursery and Gene bank:
The State Forest Research Institute, Jabalpur has been established on 20th June in 1963. Forestry research has been applied after the establishment of this institute. The Gene bank of medicinal plants has been established in the year 1996. The main objective of constructing this gene bank is to conserve important medicinal, aromatic, dye producing and edible plant species. Another aim of establishing this medicinal and aromatic plants gene bank is to conserve our forestry heritage through ex- situ manner and to aware and introduce local people regarding their importance. In this Gene Bank, Sarpgandha (Rauvolfia serpentina), Bach (Acorus calamus), Kali Haldi (Curcuma caesia ) and other R.E.T. species are also included. Approximately 427 medicinal plant species are conserved in the gene bank. Cultivation technique of 30 various commercially important species has been developed by the institute and same work is going on for other species.This gene bank has proved useful for students, teachers, farmers, scientists as well as local people. The development and strengthening of the medicinal plant gene bank is going on since many years. In relation to this, as per the demand of Gene bank, Medicinal plant multiplication area, Cultivation technique development area and nursery technique development area, the medicinal plant development work is carried out in 10 hectares area at present. In this Gene bank, Nakshatra vatika, Climber medicinal plant area, Tuberous plants conservation area and plant preparation area are formed.
Contact:
Dr. Uday Homkar,
Senior Research Officer
Conservation Division
State Forest Research Institute
Polipathar, Jabalpur, Madhya Pradesh - 482008
Tel: +91-761-2665540
e-mail: This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.